UPI New Rules: 1 अगस्त से नया नियम लागू यूपीआई पेमेंट के बाद दिखेगा अकाउंट बैलेंस

UPI New Rules: एनपीसीआई द्वारा समय-समय पर यूपीआई यूजर्स को नई सुविधा प्रदान करने के लिए नियमों में बदलाव किया जाता है इसके अंतर्गत इस बार 1 अगस्त से यूपीआई नियमों में कुछ लिमिट भी निर्धारित की गई है इसके साथ ही कुछ नए फीचर्स भी लॉन्च किए गए हैं जिसके अनुसार अब आप यूपीआई द्वारा पेमेंट करने वाले सभी एप्लीकेशन के लिए यह नियम निर्धारित किया गया है।

यदि आप भी हमेशा गूगल पे फोन पे या अन्य एप्लीकेशन का उपयोग करते हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण होने वाली है क्योंकि अब आप अपने मोबाइल के माध्यम से यूपीआई के जरिए किसी को पैसे भेजेंगे तो ट्रांजैक्शन पूर्ण होने के बाद आपके बैंक खाते में बची राशि स्क्रीन पर दिखाई देगी इस नियम को 1 अगस्त 2025 से देश भर में प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा।

1 अगस्त से होगा नया नियम लागू

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा यूपीआई यूजर्स की लेनदेन को पारदर्शी बनाने के लिए नया नियम लाया गया है जिसके बाद अब 1 अगस्त से देश भर में उपभोक्ता द्वारा पेमेंट करने के बाद उसके खाते में बच्चे शेष राशि स्क्रीन पर दिखाई देगी इससे पहले पेमेंट पूर्ण होने के बाद ट्रांजैक्शन की पुष्टि होती थी लेकिन अब खाते में बचा बैलेंस भी तुरंत दिखाई देगा जिससे लोगों को उसके खाते में कितना पैसा बचा है एवं उससे संबंधित संपूर्ण जानकारी ध्यान में रहेगी एवं बार-बार अपनी हिस्ट्री देखने की आवश्यकता नहीं होगी इस नियम के बाद बेवजह ट्रांजैक्शन फैलियर की दिक्कत का सामना कम करना होगा।

UPI New Rules

एनपीसीआई द्वारा यूजर्स की जरूरत को समझते हुए यूपीआई में बड़ा अपडेट किया गया है अब आपकी लेनदेन पूर्ण होने के बाद यूजर्स की स्क्रीन पर पेमेंट सक्सेसफुल का मैसेज आने के बाद ट्रांजैक्शन बैंक बैलेंस भी बताया जाएगा जिससे बैलेंस जानने के लिए संख्या को लेकर निर्धारित की गई सीमा में उपभोक्ता एक दिन में केवल 50 बार अपने बैंक खाते का बैलेंस चेंज कर सकेंगे इससे सिस्टम पर ज्यादा लोड कम होगा एवं सर्वर की स्थिति अच्छी रहेगी इसके अलावा जिन सेवाओं में बड़ी संख्या में लेनदेन किए जाते हैं उन 10 एप्लीकेशन में यह नया नियम लागू होगा जैसे अमेजॉन पे फोन पे पेटीएम गूगल पे BHIM यूपीआई।

अन्य जानकारी

इस बदलाव के बाद एनपीसीआई द्वारा बताया गया है कि अब आम ट्रांजैक्शन तक सीमित नहीं रह कर यह ऑटो पेमेंट जैसे मेडिकल स्टोर ट्रांसपोर्ट टिकटिंग जैसी अन्य प्रणालियों के लिए भी बैलेंस डिस्प्ले का अनुभव किया जा सकेंगा कुछ मामलों में बैलेंस की जानकारी देरी से हो सकती है लेकिन जब ट्रैफिक ज्यादा होगा तो इसमें कोई समस्याओं का भी सामना करना हो सकता है एवं सैलरी के दिन या त्योहार के मौके पर बैलेंस दिखाने की सेवा कुछ देर बाद मिल सकती है लेकिन अब यूपीआई पेमेंट को और पारदर्शी बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

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